https://janjagruk.in/wp-content/uploads/2024/01/jjujuu.gifयूपीराज्यलोकल न्यूज़

UP News: बहराइच में भेड़िया… तो यहां बाघ ने उड़ाई ग्रामीणों की नींद, मशाल लेकर कर रहे पहरेदारी

लखीमपुर खीरी

उत्तर प्रदेश के दो जिलों में इन दिनों वन्यजीवों ने ग्रामीणों और प्रशासन की नींद उड़ा रखी है। बहराइच जिले में भेड़िये आतंक मचा रहे हैं तो लखीमपुर खीरी में बाघ का खौफ है। एक महीने में बाघ तीन लोगों की जान ले चुका है। बाघ की दहशत से हैदराबाद थाना क्षेत्र के इमलिया और अन्य गांवों के ग्रामीणों की नींद उड़ गई है। ग्रामीण जागकर रात बिता रहे हैं। खेतों से वापस घर आते समय मशाल जलाकर निकल रहे हैं। रात में लाठी-डंडा लेकर गांव में खुद ही कॉम्बिंग कर रहे हैं। कई लोग एक साथ चलते हैं। बता दें कि 27 अगस्त को बाघ ने इमलिया गांव के अमरेश कुमार को मौत के घाट उतार दिया था। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने युवक का शव सड़क पर रखकर हंगामा और वन कर्मियों का घेराव किया था।
कैमरे में कैद हुई बाघ की तस्वीर - फोटो : वन विभाग

वन विभाग ने बाघ को पकड़ने को 24 कैमरे और दो कैमरे लगाए, लेकिन वह अब तक पकड़ से बाहर है। भयभीत ग्रामीणों ने अपनी सुरक्षा खुद ही संभाली है। गांव अजान के किसान नेता श्रीकृष्ण वर्मा, इमलिया के हरि शरण शुक्ला आदि का कहना है कि वन विभाग जिस तरह पिंजरे लगाकर बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रहा है। उससे बाघ पकड़ में आने वाला नहीं है। वनकर्मी जिस स्थान पर पिंजरे लगते हैं बाघ वहां से दूसरे स्थान पर चला जाता है।
मशाल लेकर पहरेदारी कर रहे लोग - फोटो : वीडियो ग्रैब
ग्रामीणों का तर्क है कि अधिकारियों से आदेश कराकर जब तक बाघ को बेहोश करने वाली गोली नहीं मारी जाती तब तक वह पकड़ में आने वाला नहीं है। उनका आरोप है कि वन विभाग ने जो पिंजरे लगाए हैं उनमें ज्यादातर खराब है। बताया कि बाघ की दहशत इस कदर फैली है कि लोग रात जाग कर बिता रहे हैं। खेतों को जाते और वापस आते वक्त मशाल जलाकर निकल रहे हैं।
कैमरे में कैद हुई बाघ की तस्वीर।  - फोटो : वन विभाग
कैमरे में कैद हुई बाघ की तस्वीर। – फोटो : वन विभाग
24 कैमरे, दो पिंजरे.. दिखी सिर्फ बाघ की तस्वीर
अमरेश को मारने वाला बाघ अब तक वन विभाग की पकड़ में नहीं आया है। 24 कैमरे, दो पिंजरे और अधिकारियों की कॉम्बिंग के बाद विभाग को सिर्फ बाघ की तस्वीर मिली है। बताया जा रहा है कि बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद हुई है। कैमरे में तस्वीर कैद होने, खेतों में पगचिन्ह मिलने से पुष्टि होती है कि बाघ अब तक गन्ने में मौजूद है।
बाघ - फोटो
पहले भी हो चुके हैं हमले
3 अगस्त: बांकेगंज इलाके में गोला रेंज जंगल से सटे गांव बलारपुर के निकट दादी के साथ घास काटने गई 13 वर्षीय जानकी को बाघ जबड़े में दबाकर गन्ने के खेत में खींच ले गया। बाघ के हमले में उसकी मौत हो गई थी।
शावक को दुलार करती बाघिन
30 जुलाई: खीरी थाने के नकहा पुलिस चौकी के गांव डीहपुरवा निवासी 10 वर्षीय कृष्णकांत को किसी जंगली जानवर ने मार डाला। उसे बचाने गए युवक को जंगली जानवर ने घायल कर दिया था। ग्रामीणों ने बाघ या तेंदुए का हमला होने की आशंका जताई थी।

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