कभी जिगरी दोस्त रहे ईरान-इजरायल कैसे बने एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन? जानें दोस्ती से दुश्मनी का पूरा सफर
आज जब भी हम ईरान और इजरायल का नाम एक साथ सुनते हैं तो दिमाग में बस एक ही तस्वीर उभरती है तनाव, युद्ध और धमकियां. क्या आप जानते हैं कि ये दोनों देश एक समय करीबी दोस्त हुआ करते थे?

अंग्रेजी में एक फेमस कोट है ‘ There are no permanent enemies, and no permanent friends, only permanent interests.’ यह कोट इजरायल और ईरान दोनों देशों के बीच काफी सटीक बैठता है, क्योंकि एक समय में एक-दूसरे के जिगरी यार रहे इजरायल और ईरान आज एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन बैठे हैं. एक-दूसरे पर सबसे ताकतवर मिसाइल मारने की फिराक में बैठे ये दोनों देश कभी एक-दूसरे को गले लगाते थे. ऐसे में सबके मन में एक सवाल उठता है कि आखिर दोनों के बीच दुश्मनी कहां से शुरू हुई?. आपको विस्तार से बताते हैं कि एक समय में एक-दूसरे से कंधा मिलाकर कूटनीति और खुफिया मामलों में सहयोग करने वाले ये देश आखिर कैसे एक-दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन बन बैठे?
कब थे दोनों दोस्त?
दोनों देशों की दोस्ती के किस्से शाही दौर के हैं. इजरायल ने 1948 में जब खुद को यहूदी राष्ट्र घोषित किया तो ईरान उन मुस्लिम देशों में से एक था, जिसने इसे चुपचाप मान्यता दी थी. ईरान के उस समय के शासक शाह मोहम्मद रजा पहलवी और इजरायल की सरकार के बीच राजनयिक और सैन्य संबंध मजबूत थे. दोनों ही देश अमेरिका के करीबी माने जाते थे और दोनों के बीच रिश्ते काफी ज्यादा मजबूत थे. ईरान से इजरायल को तेल की आपूर्ति होती थी तो बदले में ईरान को इजरायल की तरफ से खुफिया ट्रेनिंग और तकनीकी मदद दी जाती थी. इस दोस्ती की डोर तब तक रही, जब तक ईरान में शाह की सत्ता बनी रही. इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में रिजीम चेंज हुआ और फिर दो दोस्त दुश्मन बन गए.
ईरानी क्रांति और इजरायल
ईरान में ईरानी क्रांति के साथ ही शाह की सत्ता को आयतुल्ला खुमैनी ने खत्म कर दिया. खुमैनी ने एक कट्टर इस्लामी शासन की स्थापना की, जिसने इजरायल को शैतान और इस्लाम का दुश्मन घोषित कर दिया. ईरान ने इजरायल के पासपोर्ट को स्वीकार करना बंद कर दिया. इजरायल के साथ सभी रिश्ते तोड़ दिए गए. इजरायल के दूतावास को बंद कर दिया गया और उसकी जगह फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (PLO) को दफ्तर दिया गया. इस तरह दोस्ती से यह रिश्ता दुश्मनी में बदल गया, जिसके बाद इजरायल ने ईरान को मध्य पूर्व में सबसे बड़ा खतरा मानना शुरू किया. इस तरह कभी साथ में मिसाइल बनाने वाले दो दोस्त देश आज एक-दूसरे को मिसाइल मारकर पूरी तरह खत्म करने में जुटे हुए हैं.
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जन जागरूक मीडिया Team India