कौन हैं महरंग बलोच? जिन्होंने पाकिस्तान सरकार की नाक में कर दिया दम, बोलीं- इतनी लाशें देखीं… अब मौत भी नहीं डराती है
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक महिला कार्यकर्ता ने सरकार की नाक में दम कर रखा है। अंहिसा के सिद्धांत पर आंदोलन चलाने वाली महरंग बलोच की लोकप्रियता पूरे प्रदेश में तेजी से बढ़ रही है। बड़ी संख्या में लोग उनकी रैलियों में आते हैं। महरंग बलोच लोगों के उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन चला रही हैं। आइए पढ़ते हैं पेशे से डॉक्टर महरंग की कहानी...

महरंग बलोच: बलूचिस्तान में विरोध प्रदर्शन का सबसे बड़ा चेहरा। (सभी फोटो- @MahrangBaloch_)
महरंग बनीं बलूचिस्तान में विरोध प्रदर्शन का सबसे बड़ा चेहरा।
सैन्य यातनाओं के खिलाफ लोगों को लामबंद कर रहीं महरंग।
रूढ़िवादी बलूचिस्तान में तेजी से बढ़ रही महरंग की लोकप्रितता।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 1948 से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ बलूचिस्तान में शुरू हुआ प्रतिरोध इन दिनों चरम पर है। बलूचिस्तान लिबरेशन फोर्स (BLA) पूरी ताकत के साथ पाकिस्तानी फौज को निशाना बना रही है। एक तरफ जहां बीएलए के हमलों ने पाकिस्तान की शहबाज सरकार की चिंता बढ़ा दी तो वहीं 31 वर्षीय बलूची महिला महरंग बलोच ने नाक में दम कर दिया है। महरंग बलोच अंहिसा के साथ आंदोलन को बढ़ाने में विश्वास रखती हैं।
भाई के अपहरण ने बदली महरंग की जिंदगी
2006 से महरंग बलूचिस्तान में लोगों के अपहरण का विरोध कर रही हैं। 2017 में महरंग के भाई का अपहरण कर लिया गया था। इस घटना ने महरंग की जिंदगी बदल दी। उन्होंने सरकार के खिलाफ अभियान चलाया और विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। हालांकि 2018 में भाई को वापस कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने 2019 में बलूच यकजेहती समिति (BYC) की स्थापना की। इसी के तहत लापता लोगों के पक्ष में आंदोलन शुरू किया। धमकियां मिलने के बावजूद महरंग ने कभी अपने पैर पीछे नहीं खींचे।
महरंग बोलीं- मौत से भी अब डर नहीं लगता
महरंग कहती हैं कि पहले मुझे मृत्यु से डर लगता था। यहां तक मैं अंतिम संस्कार में भी नहीं जाती थी। मगर 2011 में पहली बार मुझे अपने पिता के क्षत-विक्षत शव की पहचान करनी पड़ी। पिछले 15 वर्षों में अपने लोगों के दर्जनों शवों को देखा है। अब मुझे मौत से भी डर नहीं लगता है। महरंग बलोच पेशे से डॉक्टर हैं। उनके पिता भी सामाजिक कार्यकर्ता थे। तीन दशक पहले उनका अपहरण कर लिया गया था।